प्रदेश कर्मचारियों और पेंशनर्स मांगों के प्रति उदासीन रवैया से सुखु सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा जनता के सामने आया
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प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों के प्रति उदासीन रवैया से सुखु सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा जनता के सामने आया है । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने सुखु सरकार को कर्मचारी और युवा विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि 14 माह के अंदर प्रदेश के कर्मचारी व पेंशन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है और सुखु सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है जिससे कर्मचारी व पेंशनर्स निराश व परेशान है ।
महेंद्र धर्मानी ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी व पेंशनर्स आज संशोधित वेतन और एरियार के लिए आंदोलन कर रहा है और सरकार उनके अधिकार और वित्तीय लाभ देने में आनाकानी कर रही है । सेवानिवृत्ति कर्मचारीयो के करोड़ों रुपए के मेडिकल बिल विभागों में पेंडिंग पड़े हैं, उनका भुगतान सरकार कर नहीं रही है जिसके कारण सेवानिवृत कर्मचारी स्वास्थ्य लाभ लेने से वंचित हैं । पेंशनर्स संघो द्वारा प्रदेश भर में एक दिन का विरोध प्रदर्शन और उसको मिला समर्थन यह साबित करता है कि कर्मचारी सुखु सरकार में मूलभूत सुविधाओं से वंचित है और उम्र के इस पड़ाव में सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर है जो अत्यंत निंदनीय है । महेंद्र धर्मानी ने कहा कि एसएमसी अध्यापक अपनी मांगों को लेकर कड़ाके की ठंड में धरना दे रहे हैं क्रमिक अनशन पर हैं और सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है । शिक्षक आंदोलन के कारण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है । बिजली बोर्ड के कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार झूठे आश्वासन देकर कर्मचारियों को गुमराह कर रही है । पंचायती राज विभाग में कार्यरत जिला परिषद के कैडर कर्मचारी आज अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार कर्मचारियों की बात तक सुनने को तैयार नहीं है जो सरकार के कर्मचारी विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता है ।
महेंद्र धर्मानी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने पर सुखु सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारी और कोविड़ कर्मचारियों को नौकरी से निकलकर घर बैठा दिया जिस कारण उनको रोटी रोजी की समस्या खड़ी हो गई है । महेंद्र धर्मानी ने कहा कि सुखु सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स की समस्याओं को गंभीरता को समझ कर उनको पूरा करें ताकि पेंशनर्स आत्म सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जी सके । उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि आंदोलनरत कर्मचारी, पेंशनर और युवा से बात करके समस्या का हल करें । उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सुखु सरकार ने जनता की जिंदगी को ही अवस्थित कर दिया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है ।