शिमला: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के परिसर में भूस्खलन से खतरा
1 min read
Image Source Internet
शिमला, 18 अगस्त: शिमला के समरहिल शिव मंदिर में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान से हुई तबाही की शुरुआत हुई थी। मलबा लैंडस्लाइड के साथ मंदिर को बहाकर अपने साथ ले गया। अब भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के परिसर में भी खतरा है। पिछली साइड लैंडस्लाइड से पूरी दीवार गिर गई है और कई जगह दरारें हैं। यहाँ तक कि संस्थान के आगे के परिसर की जमीन धंस गई है और आगे का डंगा भी खतरे की जद में है।
बीते दिनों में भूस्खलन के कारण डेढ़ सौ साल पुरानी एडवांस स्टडी की बिल्डिंग के आसपास जमीन धंसने से भवन भी खतरे में हैं। एसडीएम शिमला भानु गुप्ता ने इसे जाँचा है और उन्होंने नगर निगम को भी इस बारे में सूचित किया है। उन्होंने बताया कि भवन के परिसर में भी दरारें आ गई हैं।
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (IIAS) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 1964 में स्थापित किया गया है। इसका उद्घाटन 1965 में हुआ था और यह एक महत्वपूर्ण शोध संस्थान है। यहाँ पर 20 अक्टूबर 1965 से काम शुरू हुआ था।
इस भव्य इमारत का निर्माण अंग्रेजी हुकूमत द्वारा 1884-1888 में किया गया था और यह वाइसरीगल लॉज के रूप में जाना जाता था। यह वाइसराय लॉर्ड डफरिन के घर के रूप में बनाया गया था। इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए इस्तेमाल किया गया।
राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने इसे भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का दर्जा दिया था और यह एक प्रमुख शोध संस्थान बन गया।