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ऊना : प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

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ऊना जिला सहकारी विकास संघ (ऊनकोफैड) के तत्वावधान में विकास खण्ड हरोली में गांव सिंगा स्थित सामुदायिक भवन में नौ कृषि सहकारी सभाओ की प्रबंधक कमेटियों व पदाधिकारियों का सहकारी प्रबंधन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें बीटन, सिंगा, बाथड़ी, बाथू, गोंदपुर जयचंद, गोंदपुर बुला, दुलैहड़ अधर्मिया, भडियारा व दुलैहड़ सहकारी सभाओं ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण शिविर में एकीकृत सहकारी परियोजना के महाप्रबंधक विक्रमजीत व सहकारिता विभाग के जिला अंकेक्षण अधिकारी रविन्द्र जसवाल व ऊनकोफैड के चेयरमैन राजेन्द्र शर्मा विशेष रूप से उपस्थित हुए।
इस प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए ऊनकोफैड के चेयरमैन राजेन्द्र शर्मा ने सहकारी सभाओ से आए प्रतिनिधियों व सहकारिता विभाग के अधिकारियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था के बेहतर व सफल संचालन के लिये उसकी प्रबंधकीय व्यवस्था को अपने कार्यो के प्रति शिक्षित व प्रशिक्षित होना अति आवश्यक है।
सहकारिता विभाग के जिला अंकेक्षण अधिकारी रविन्द्र जसवाल ने इस प्रशिक्षण शिविर में सहकारी सभाओ की प्रबंधक कमेटियों के पदाधिकारियों व सदस्यों को  सभा की कार्यप्रणाली से अवगत करवाते हुए उनके उत्तरदायित्वों का निर्वाह करने बारे क्रमबद्ध ढ़ग सें प्रशिक्षित किया। । उन्होंने सभा में पावति व प्राप्त पत्रों की फाईल लगाए। सभा के सदस्य रजिस्टर को अपडेट रखें व नोमीनेशन को भी भरें। सभा की वार्षिक आडिट रिपोर्ट से पूर्व सभा की प्रबंधक कमेटी सारे लेखों को तैयार करवाए । सभा जो सदस्यों को ऋण देती है उसके परनोट को पूर्ण करने के साथ हस्ताक्षर के साथ अगूंठा भी लगवाए व आधार कार्ड भी लें। सभा की प्रबंधक कमेटी को सभा के कारोबार पर पूरी निगरानी रखनी चाहिए व सभा सचिव से हर जानकारी प्राप्त करें।  उन्होंने हिमाचल प्रदेश सहकारी अधिनियम व नियमों कें अंतर्गत सभा की प्रस्तावित विधियों व उपविधियों में संशोधनों को अपनाने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सभा की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता से सभा सदस्यों का विश्वास अर्जित करने से सभा के विस्तार से जनसेवा को अधिक से अधिक करने पर बल दिया।
एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के महाप्रबंधक विक्रमजीत सिंह ने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत सहकारी सभाओ के भवन, फर्नीचर व कम्प्यूटरीकरण आदि की जरूरतों के लिए वित्तीय पोषण से सभाओ के विकास करने का उद्देश्य हैं। इस वित्तीय पोषण मे सभाआओं को अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होंने सभाओ से इस परियोजना से लाभ उठाने का आग्रह किया और इस बारे सभा की जरुरत अनुसार केस तैयार करने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं के माध्यम से ” सहकार से समृद्धि” योजना के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की चर्चा की। जिससे सभा अपना पट्रोल पम्प, घरेलू गैस एजेंसी, लोक मित्र केंद्र आदि अनेक कार्यो का संचालन करके रोजगार पैदा करनें व आय बढ़ाने के लिए अधिकृत की गई हैं।
प्रशिक्षणार्थियों ने अपनी फीड बैक में ऊनकोफैड द्वारा सहकारी सभाओ में सहकारी शिक्षा व प्रशिक्षण के माध्यम सें जागरूकता लाने के प्रयासों के लिए साधुवाद व आभार प्रगट किया ।

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