सेब किलो के हिसाब से बिके, बागबानों को इसका फायदा : बलबीर
1 min read• कृषि एवं बागवानी मंत्री तो ऐसे फरमान पेश कर रहे हैं जैसे एक मुगल शासक
• तोलकर सेब बेचना है तो मंडियों में तोलने का प्रावधान ही नहीं है
• तीन तीन एजेंसी लाइसेंस दे रही है, हमारी मांग है कि केवल एक ही एजेंसी लाइसेंस दे वो भी फूल प्रूफ मैकेनिज्म के साथ
शिमला, भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक बलबीर वर्मा ने कहा
सेब का सीजन शुरू हो चुका है और बागवान परेशान है,
बागवानो को इस कांग्रेस की सरकार में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा हमारी जितनी भी मंडियां है उसमें जितने भी हमारे आढ़ती है उनके और सरकार के बीच में ठकरान हो रहा है। सरकार ने चुनावी वायदा किया था कि बागबान सेब का रेट खुद तय करेगा पर ऐसा कुछ नही हुआ।
इस परेशानी के कारण बागबानों को सेब कहीं और जाकर बेचना पड़ा रहा है।
सरकार को समझना चाहिए किनसेब अपनी क्वालिटी दो-तीन दिन में को देता है, उसकी शेल्फ लाइफ कम होती है।
उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं बागवानी मंत्री तो ऐसे फरमान पेश कर रहे हैं जैसे एक मुगल शासक
और तुगलकी फरमान जारी हो रहे हैं।
अपनी घोषणाओं की इन्होंने कोई तैयारी नहीं करवाई, मंडियों में जगाए नहीं है और अगर तोलकर सेब बेचना है तो मंडियों में तोलने का प्रावधान ही नहीं है।
अब पुलिस और एसडीएम जाकर सीधा बोल रहे हैं कि अगर इस प्रकार से सेब नहीं बिका तो आढ़तीयो के लाइसेंस रद्द कर दिया जाएंगे।
एचपीएमसी के पास सेब खरीदने का प्रावधान ही नहीं है तो वह सेब कैसे खरीदेंगे। इस सारी असमंजस की स्थिति का फर्क हिमाचल के बागबान के ऊपर पड़ रहा है, हिमाचल अपने सेब तोड़ नहीं रहा है। यह जो इतने दिनों से झगड़ा चल रहा है इसमें सरकार आनंद ले रही है और बागवानों को तड़पा रही है।
हमारा मुख्यमंत्री और मंत्री से एक ही विनती है कि बागबान और किसान अन्नदाता होते हैं और वे पूरे 1 साल अपने खेतों में मेहनत करते हैं। किसान लोन लेकर स्प्रे, खाद और दवाइयां छलकते हैं। इसने तकलीफ ना पहुंचाएं।
आज मार्केट में सस्पेंस बना हुआ है, सभी को दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि सेब किलो के हिसाब से बीके, इसमें कोई संदेह नहीं है बागवानों को इसका फायदा है। एक तरह के कार्टन की जरूरत हिमाचल में है इसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा सरकार की तैयारी ग्राउंड पर जीरो है और सरकार का कोई भी व्यक्ति बागबानो से बात करने फील्ड में गया ही नहीं है। बागबानों को प्रक्रिया समझना सरकार का कर्तव्य है।
साकार बागवानों का शोषण करना बंद करें, बागबान और किसानो ने भी इस सरकार को सत्ता में लाए हैं।
उन्होंने कहा की बागबानो को अपने पैसे एसआईटी से मिलते हैं, यह कहां का न्याय है। आज भी बागबानों के अरबों रुपए आढ़तीयो के पास फंसे हुए है, उस पर सरकार कुछ नहीं कर रही है। बागबानों को अपने ही पैसे के लिए भटकना पड़ता है।
जिन लोगों को सरकार आढ़ती का लाइसेंस दे रही है वह ढारो के नाम पर भी लाइसेंस ले रहे हैं और सेब खरीदने के बाद वह गायब हो जाएंगे। बागबान बहुत परेशान है, आज से पहले हम सेब दिल्ली में बेचते थे पर एक भी पैसा नहीं मरता था।
हिमाचल प्रदेश में तीन तीन एजेंसी लाइसेंस दे रही है, हमारी मांग है कि केवल एक ही एजेंसी लाइसेंस दे वो भी फूल प्रूफ मैकेनिज्म के साथ।
इस पत्रकार संवाद में भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा और भाजपा नेता सूरत नेगी उपस्थित रहे।