सेक्सटॉर्शन के निशाने पर सिरमौर
1 min readनाहन, 20 जून : चंद महीनों से सेक्सटॉर्शन गैंग (sextortion gang) के निशाने पर सिरमौर है। ऐसे ही एक गिरोह के शिकंजे में फंसने के कारण आम्बवाला-सैनवाला का एक शख्स मेंटल ट्रॉमा का सामना कर रहा है। ये सिलसिला, मार्च के महीने से शुरू हुआ। इस पर विराम चंद रोज पहले उस समय लगा, जब पीड़ित ने अपनी आपबीती को एक दोस्त से साझा किया। इसके बाद कालाअंब पुलिस को शिकायत भी सौंपी गई।
बता दें कि इससे पहले एक लोन एप्प के जरिए भी कैलाश को ऋण देने का झांसा दिया गया था। कैलाश द्वारा गिरोह को जब तक राशि दी जा रही थी, तब तक वो तस्वीरों को नहीं भेज रहे थे। जैसे ही कैलाश ने पैसे देने बंद किए, वैसे ही तस्वीरें कैलाश की कॉन्टैक्ट लिस्ट में भेजी जाने लगी।
उल्लेखनीय है कि इस तरह के मामलों में ठगों द्वारा आपका फोन भी हैक कर लिया जाता है।
ये होती है मॉडस ऑपरेंडी….
आपको व्हाटस एप्प पर हैलो के मैसेज आने शुरू होते हैं। अमूमन मैसेज भेजने वाले की डीपी देखी जाती है। डीपी में एक सुंदर लड़की की तस्वीर लगी होती है। यदि आप मैसेज का रिप्लाई देते हैं तो जालसाजों का हौसला बढ़ जाता है। जवाब न देने की स्थिति में अचानक आपको ऐसे समय में वीडियो कॉल आ जाती है, जिस समय आप व्यस्त हों। चंद सैकेंड की कॉल रिसीव होने पर सामने एक युवती न्यूड दिखती है। असल में वो लड़की भी न्यूड नहीं होती, ये खेल जालसाजों द्वारा तकनीक का इस्तेमाल कर खेला जाता है।
आपकी फोटो मिलते ही इसे फोटोशॉप या अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर अश्लील तस्वीरें बना दी जाती हैं। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है। यही किस्सा, कैलाश के साथ भी हुआ। अकेले ही वो तीन महीने तक ब्लैकमेलिंग का शिकार होता रहा। जैसे ही रकम ट्रांसफर होनी बंद हुई तो जालसाजों ने कैलाश की अश्लील तस्वीरों को उनके दोस्तों व अन्य करीबियों को भेजनी भी शुरू कर दी। कईयों को ये कहकर फोन किया गया कि कैलाश ने लोन लिया था, वो नहीं चुका रहा। ये भी बता दें कि जालसाज गिरोह पहले पीड़ित में तमाम जानकारी जुटा लेता है।
कुल मिलाकर अनजान कॉल को रिसीव मत करें। साथ ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट में भी अनजान लोगों को शामिल न करें। इसके अलावा अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जो इस तरह जालसाजों का शिकार हुआ हो तो तुरंत ही उसे घटना की जानकारी पुलिस को देने की सलाह दें।
ये भी कर सकते हैं….
यदि आपको लगता है कि आप जालसाजों के जाल में फंस गए हैं तो तुरंत ही अपने साथ हुई ठगी की जानकारी सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से करीबियों से शेयर कर लें। इसमें फेसबुक पोस्ट के अलावा व्हाट्स एप्प स्टेटस वगैरहा हो सकता है। इसके बाद पुलिस को भी सूचित करें। पुलिस तक पहुंचने में देरी हो तो मोबाइल को भी स्विच ऑफ कर दें।
मोबाइल स्विच ऑफ होने की स्थिति में जालसाज आपको फोन कर आपकी मानसिक स्थिति को खराब करने की स्थिति में नहीं होगा। 3-4 दिन में ये ठग आपको छोड़कर अगले शख्स को शिकार करने की तरफ बढ़ जाते हैं।