Himachal Tonite

Go Beyond News

शराब घोटाले के चलते नंदा ने साधा केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर सीधा निशाना

1 min read

शिमला, भाजपा सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने शराब घोटाले के किंगपिन एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और इस घोटाले के मुख्य आरोपी एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वे इधर-उधर की बात करने के बदले भारतीय जनता पार्टी के सवालों का का सीधा और सटीक जवाब दें।
नंदा ने अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं को शराब घोटोल का किंगपिन ठहराते हुए सवाल पूछा और शराब घोटोले के मुख्य आरोपी मनीष सिसोदियो से छह सवाल करते हुए अविलम्ब जवाब देने की मांग की। भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि मनीष सिसोदिया के भ्रष्टाचार का खुलासा करेगी।
अरविन्द केजरीवाल जी, क्या यह हकीकत नहीं है कि आपको शराब घोटाले के बारे में पहले से ही सबकुछ मालूम था?
वास्तविकता यह है की नई आबकारी नीति के तहत दिए जा रहे शराब ठेके के घोटाले की जानकारी केजरीवाल जी को थी। इससे संबंधित फाइलें जब दिल्ली के उप राज्यपाल के पास भेजी जाती थी, तब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी का हस्ताक्षर फाइलों पर नहीं होता था।
डीटीसी बस खरीद से लेकर अन्य फाइलों पर अरविन्द केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं होते थे, जबकि रुल बुक में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जब मुख्यमंत्री शहर में मौजूद रहें, तब मुख्यमंत्री ही फाइलों पर हस्ताक्षर करके उप राज्यपाल को भेजेंगे, अन्यथा उसे सही नहीं माना जाएगा। उप राज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को इस बारे में पत्र लिखकर हस्ताक्षर करके ही फाइल भेजने की सलाह दी है।
अरविन्द केजरीवाल जी फाइलों पर इस कारण हस्ताक्षर नहीं करते हैं क्योंकि भ्रष्टाचार का खुलासा होने पर वे कहेंगे कि दिल्ली के अतिरिक्त  सचिव और संयुक्त सचिव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मिले हुए हैं, उन्होंने हमें वो फाइल ठीक से दिखाई ही नहीं थी।
मनीष सिसोदिया ने जो भ्रष्टाचार किया है, उसके सबूत मौजूद हैं और उसकी जांच भी हो रही है। इसलिए उनके भागने का कोई रास्ता नहीं है। भारतीय संविधान एवं कानून भ्रष्टाचार करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाएगा।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए नई आबकारी नीति के माध्यम से मोटा माल कमाया। शिक्षा कम शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति के लिए बनायी गयी कमिटी की सिफारिशों को नजरअंदाज किया ताकि मोटा माल कमाया जा सके। भारतीय जनता पार्टी मनीष सिसोदिया से छह सवाल कर उसका जवाब चाहती है । आशा है, सिसोदिया जी इधर-उधर की बातें न कर उसका जवाब देंगे।
पहला सवाल- क्या हकीकत नहीं है कि नई आबकारी नीति लाने के लिए कमिटी बनायी गयी थी?
दूसरा सवाल – क्या यह सही नहीं है कि शराब के ठेके देने के लिए होलसेल और रिटेल को लेकर कमिटी की सिफारिषों को दरकिनार किया गया?
तीसरा सवाल – कमिटी की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए किसके कहने पर इस तरह से शराब ठेका दिया गया और क्यों ?
चौथा सवाल – क्या मोटा माल कमाने के चक्कर में कमिटी की सिफारिशों को दरकिनार किया गया?
पांचवा सवाल – क्या यह हकीकत नहीं है कि नई आबकारी नीति को वापस लेने से पहले 19 शराब दुकानदारों ने अपने लाईसेंस सरेन्डर कर दिए ?
छठा सवाल – जब 19 कंपनियों ने पांच जोन में अपने लाईसेंस सरेन्डर किये, तब वहां के लिए सेकंड बीडर को शराब दुकान का लाईसेंस दिया जाना चाहिए था। शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने सेकेंड बीडर को बुलाकर उन्हें लाइसेंस देने का प्रस्ताव क्यों नहीं दिया?
नंदा ने कहा की ऐसी भ्रष्ट पार्टी को हिमाचल की जनता स्वीकार नहीं करेगी।
जिस पार्टी को अपनी गारंटी ना हो तो दूसरों की क्या गारंटी लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *