Himachal Tonite

Go Beyond News

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय का नया शैक्षणिक सत्र शुरू

1 min read

शिमला, अगस्त 23

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के स्नातक और परास्नातक छात्रों के लिए नया शैक्षणिक सत्र मंगलवार से शुरू हो चुका है। विशेषतौर पर नए छात्रों के लिए ओरिएंटेशन व परिचय-सत्र का आयोजन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किया गया जिसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिए नए छात्रों को विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्षों ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों और विभागों के बारे और इन विभागों व स्कूलों में पढ़ाए जा रहे विभिन्न डिग्री पाठ्यक्रमों व डिप्लोमा कोर्स बारे परिचय करवाया और छात्र-हित,  छात्र जॉब-प्लेसमेंट, नवाचार और विश्वविद्यालय की ओर से पढ़ाई को रोचक व छात्रों के सर्वांगीण  विकास  किए जा रहे कार्यों व शैक्षणिक उपलब्धियों बारे प्रस्तुति व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म के जरिये परिचित करवाया।  इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने नए छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें सुभकानाएँ दीं। कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने छात्रों को संबोधित करते है कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय छात्रों को अव्वल दर्जे की पढ़ाई करवाने के लिए हमेशा से वचनबद्ध है और विश्वविद्यालय के शिक्षक, प्रोफेसर, प्रशासन व प्रबंधन छात्रों के बेहतरीन शैक्षणिक कार्यों , छात्रों की सही तरीके से पढ़ाई, जॉब-प्लेसमेंट और पढ़ाई के साथ छात्रों में नवाचारों को बढ़ावा और आत्मनिर्भरता के साथ छात्रों को समय की मांग के हिसाब से निपुण बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कुलपति चौहान ने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय छात्रों को बेहतरीन बनाए रखने के लिए उनकी सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जाता है। चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के अनुसार छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार है ताकि छात्र पढ़ाई के साथ व्यवहारिक रूप से निपुण हों और वे आत्मनिर्भर बनने लायक हों और डिग्री हासिल करने के बाद जॉब ढूंढने की बजाय जॉब देने वाले हों तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सकता है और शिक्षक इस ओर ईमानदारी से काम करें तो नव पीढ़ी को बेहतर शिक्षा से आत्मनिर्भर बना सकते हैं। कुलपति चौहान ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जो समय की धारा के साथ नहीं चलता वह पिछड़ जाता है अतः समय की क्या मांग है उस हिसाब से शिक्षा पाठ्यक्रमों और छात्रों को दशा और दिशा चाहिए और यह काम शिक्षक ही छात्रों को सही ज्ञान, सही शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को हर क्षेत्र में मजबूत बना सकता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव बलराम झा, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. अनिल कुमार पाल, अधिष्ठाता विज्ञान व रिसर्च प्रो. रोहिणी धरेला, अधिष्ठाता रेहान खान, परीक्षा नियंत्रक अफ़ज़ल खान, डॉ अंकित ठाकुर और सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और फैकल्टी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *