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डाक विभाग में कार्यरत जिला लाहुल-स्पिति के प्रेम लाल को केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेघदूत आवार्ड प्रदान कर किया सम्मानित

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डाक विभाग के कर्मचारी ईमानदार, मेहनती, कर्तव्यनिष्ठा व सजग होते हैं। डाक सेवा के प्रति अपना दायित्व निभाने के साथ-साथ समाज सेवा, साहित्य, कला, सांस्कृतिक एवं अन्य क्षेत्रों में भी अपना अहम योगदान देकर डाक विभाग का नाम रोशन करते आ रहे है। ऐसी ही एक मिसाल जिला लाहुल-स्पिति के गोशाल गांव के निवासी प्रेम लाल ने कायम की है उनके द्वारा डाक विभाग के प्रति दिए गए समग्र योगदान और उत्कृष्ट सेवा प्र्रदान करने के लिए हाल ही में डाक विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान मेघदूत-2021 सम्मान से दिल्ली में सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उनके द्वारा डाक विभाग के प्रति ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से दिए गए उत्कृष्ठ योगदान के लिए देश के चार लाख ग्रामीण डाक सेवकों में से प्रेम लाल का चयन मेघदूत आवार्ड के लिए हुआ जो हिमाचल प्रदेश डाक परिमण्डल के लिए गौरव की बात है। उल्लेखनीय है कि डाक कर्मचारियों को प्रोत्हसाहित करने के उदेष्य से भारतीय डाक विभाग ने 1984 से मेघदूत पुरस्कार की शुरुआत की गई। डाक विभाग हर वर्ष कर्मचारियों के समग्र प्रदर्शन और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च पुरस्कार मेघदूत सम्मान आठ अलग-अलग श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। पुरस्कार में एक पदक, प्रस्सति पत्र और 21000 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश परिमंडल ने 1987 से 2021 तक 14 डाक कर्मचारियों को मेघदूत अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। सन् 2021 के लिए मेघदूत अवार्ड के लिए देश के आठ कमचारियों का चयन हुआ जिसमें हिमाचल प्रदेश परिमण्डल से मण्डी मण्डल के केलांग मुख्य डाकघर से उप डाकघर उदयपुर से प्रेम लाल एमटीएस का चयन हुआ। जनजातिय क्षेत्र जिला लाहुल-स्पिति के केलांग मुख्यलय के गोशाल गांव के स्थाई निवासी प्रेम लाल का जन्म 20 जून 1965 को हुआ। छः माह वर्फ में कैदी की तरह रहने को मजबूर लाहुल वासियों का जीवन बहुत कठिनाई से भरा हुआ गुजरता है। प्रेम लाल का परिवार भी इसी दौर से गुजरा और मात्र 7वीं कक्षा तक पढाई करने बाद स्कूल की शिक्षा अघूरी छोडनी पडी। 25 मार्च 1981 को प्रेम लाल केलांग मुख्य डाकघर के गोशल शाखा डाकघर में ग्रामीण डाक सेवक में डाक रनर व डाक वितरक के पद लगा। ग्रामीण डाक सेवक के पद से सन  2013 को पदोन्नत होकर एमटीएस के पद पर उप डाकघर उदयपुर में स्थान्तर हुआ। उप डाकघर उदयपुर में प्रेम लाल को उदयपुर-शलग्रां 16 किलामीटर लम्बी पैदल चलने वाली बीट पर डाक का आदान-प्रदान करने लिए डाक हरकारे के पद तैनात किया गया।उन्हे दूर-दराज के लोगों को डाक भेजने व लाने के लिए रोजाना 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती हैं। हिमाचल प्रदेश के लाहुल-स्पिति में 9000 फुट की उंचाई पर उदयपुर से सलग्रां का रास्ता अति दुर्गम पहाड़ियों पर जोखिम और खतरे से भरा हुआ है। सर्दियों के दौरान बर्फबारी के बीच हिमस्खलन गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है। खराब मौसम के बाबजूद वह आगे बढ़ते हुए जोखिम और खतरे से खेलते हुए अपनी 8 साल से दैनिक यात्रा को निर्बाध रूप से पूरा करते आ रहे है। इनका योगदान सामान्य कल्पना से परे क्षेत्रों में डाक विभाग की पंहुच की क्षमता को दर्शाता है। मेघदूत आवार्ड चयनित प्रेम लाल को भारत सरकार ने 28 जून 2022 को वर्ष-2021 के लिए दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें राष्ट्रीय प्रतिष्ठित मेघदूत सम्मान से अलंकृत किया। उन्हे पुरस्कार में एक पदक, प्रस्सति पत्र और 21000 रुपये का नकद पुरस्कार केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के कर कमलो द्वारा प्रदान किया गया। राष्टीªय मेघदूत में राष्ट्रीय केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों सम्मान पाकर उत्साहित प्रेमलाल ने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से काम करते रहने का संकल्प लिया। प्रेम लाल ने राष्ट्रीय  प्रतिष्ठित मेघदूत पुरस्कार ले कर हिमाचल प्रदेश डाक परिमण्डल व प्रदेश का नाम रोशन किया है तथा प्रेम लाल इस सम्मान को पाकर अपने को गौरविंत महसूस कर रहे है।

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