Himachal Tonite

Go Beyond News

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा एक दिवसीय किसान दिवस का आयोजन

1 min read

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, अमरतारा कॉटेज, शिमला-171004 के बागवानी फार्म ढांड़ा पर आज दिनांक 17.01.2022 को एक दिवसीय किसान दिवस का आयोजन किया गया ! जिसके अंतर्गत शीतोष्ण फलों के पौधों को लगाने के लिये वैज्ञानिक तथा तकनीकी जानकारी प्रदान की गई !  इस किसान दिवस का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री हरीश कुमार, विकासशील किसान, उत्तराखंड एवं श्री गुरूचरण सिंह सैम्बी, विकासशील किसान, चुराग, जिला मंड़ी, हिमाचल प्रदेश द्दारा इस केंद्र के अध्यक्ष, डॉ. कल्लोल कुमार प्रमाणिक, डॉ. अरूण कुमार शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक तथा डॉ. संतोष वाटपाडे‌, वैज्ञानिक की मौजूदगी में किया ! इस मौके पर डॉ. नरेंद्र नेगी, वैज्ञानिक, राष्ट्रीय पादप आनुवांशिकी संसाधन ब्यूरो, क्षेत्रीय केंद्र, शिमला भी मौजूद थे !  अध्यक्ष, डॉ. कल्लोल कुमार प्रमाणिक ने मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि एवं किसानो/बागवानों को इस किसान दिवस में पधारने के लिये स्वागत किया तथा इस ऋतु में लगने वाले शीतोष्ण फलों के पौधों को लगाने की विधि तथा उनकी प्रुनिंग व ट्रेनिंग की जानकारी किसानों/बागवानों को दी ! डॉ. अरूण कुमार शुक्ला  ने क्यारियां बनाना की विधि, खाद प्रयोग करने की विधि तथा पौधों की ट्रेनिंग की विधी के बारे में किसानों/बागवानों को जानकारी दी !  डॉ. संतोष वाटपाडे, वैज्ञानिक ने किसान भाईयों को शीतोषण फलों की बिमारियों से रोकथाम के तरीकों/वैज्ञानिक विधि से निपटने के बारे में जानकारी दी ! डॉ. नेगी ने माईनर फलों के बारे में किसान को जानकारी प्रदान की । किसान एवं बागवान भाईयों/बहिनों प्रश्नोंत्तरी काल के दौरान बढ़-चढ़ कर भाग लिया तथा अपने अनुभवों के बारे में जानकारी दी तथा इस केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रश्नों/समस्याओं के समाधान के बारे में जानकारी दी ! प्रशिक्षण के बाद इस केंद्र पर तैयार किये गये सेब, कीवी, अनार, अखरोट, जापानी फल तथा स्टोन फ्रूट के पौधों तथा अन्य प्लाटिंग मैटिरियल, रूटिंग हार्मोन की बिक्री शुरू किया !  इस मौके पर लगभग 80 पुरूष तथा 20 महिला किसानों ने कोविड़ प्रोटोकॉल के दिशा निर्देशों का पालन करते हुये भाग लिया  जो कि हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड़ राज्य के किसानों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया ! इस कार्यक्रम का संचालन तथा समन्वय डॉ. संतोष वाटपडे, वैज्ञानिक ने किया ! इस प्रोग्राम की रिकोर्डिंग दूरदर्शन शिमला द्दारा प्रसारण हेतु किया गया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *