सरकार लोगों की आवाज दबाने की कर रही कोशिश – राठौर
शिमला,15 दिसम्बर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने धर्मशाला के जोरावर मैदान में युवा कांग्रेस पर पुलिस बल में युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष यदोपति ठाकुर व अन्य कुछ पदाधिकारियों के चोटिल होने पर दुख जताया है। उन्होंने पुलिस की इस कार्यवाही की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन व विरोध प्रदर्शन होते रहते है इन पर किसी भी प्रकार का बल प्रयोग करना उनके अधिकारों का हनन है।उन्होंने इस घटना की जांच करने व लाठीचार्ज के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
राठौर ने आज यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सरकार प्रदेश में बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से निपटने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है।सरकार की न तो कोई दिशा है और न ही कोई दशा।खजाना खाली पड़ा है और सरकार चुनावों के मद्देनजर लोगों को हवा हवाई सपने दिखा रही हैं।घोषणाओं में घोषणाएं की जा रही है।सरकार कर्मचारियों को गुमराह कर लुभाने के पूरे प्रयास कर रही है।पुलिस कर्मचारियों की मांगों को दरकिनार कर दिया गया है।उनकी बात नही सुनी जा रही,उनमें अंसतोष फैला है।
राठौर ने कहा कि सरकार विधानसभा में विपक्ष के सवालों से भागती रही।उन्होंने कहा कि सदन में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री का यहां न रहने से साफ है कि विधानसभा सत्र के प्रति सरकार गम्भीर नही थी। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी। हॉल ही में प्रदेश के उप चुनावों में लोगों ने भाजपा को चुनाव का ट्रेलर दिखा दिया है। 2022 के चुनावों में फाईनल मुकाबला भी कांग्रेस के पक्ष में ही होगा।
राठौर ने कहा कि वह हॉल ही में केंद्रीय आला कमान, सोनिया गांधी, राहुल गांधी,राजीव शुक्ला सहित अन्य नेताओं से मिले है।सभी नेताओं ने प्रदेश में कांग्रेस की शानदार जीत पर खुशी जताते हुए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये कमर कसने को कहा है।
कुलदीप सिंह राठौर ने लखीमपुर कांड की एसआईटी रिपोर्ट में किसानों की हत्या को एक बड़ी साजिश घोषित करने पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा को तुरंत उनके पद से हटाने की मांग करते हुए कहा है कि इस हत्याकांड में शामिल उनके पुत्र सहित सभी अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता पर जिस प्रकार से मोदी सरकार ने बर्बता की है,उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम कर उन्हें आंतकवादी तक बताया गया इसके लिए प्रधानमंत्री को देश के किसानों व लोगों से सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगनी चाहिए।