नौणी में पहाड़ी कवि सम्मेलन का आयोजन
1 min read
हिमाचल प्रदेश भाषा और संस्कृति विभाग द्वारा डॉ वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में आयोजित हो रहे राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह के दूसरे दिन पहाड़ी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 25 से अधिक कवियों ने पहाड़ी भाषा में स्वरचित कविताएँ प्रस्तुत की व अपनी कविताओं के माध्यम से सामाजिक विषयों- नशा, पर्यावरण, कोरोना का कहर, आधुनिकीकरण इत्यादि विषयों पर अपने विचार प्रकट किए।
इस अवसर पर नौणी विवि के कुलसचिव प्रशांत सरकैक मुख्य अतिथि रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता शंकर वशिष्ठ ने की। जिला राजस्व अधिकारी केशव राम इस मौके पर विशिष्ट अतिथि थे।
अपने संबोधन की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रशांत सरकैक ने एक पहाड़ी कविता से की। उन्होंने कहा की पहाड़ी बोली के उत्थान के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है जिसमें आज के युग में यूट्यूब एक सशक्त माध्यम है जिससे पहाड़ी बोली का प्रचार प्रसार देश ही नहीं विदेशों में किया जा सकता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला राजस्व अधिकारी केशव राम ने विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की तथा प्रशासनिक स्तर पर भी प्रचार प्रसार करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ शंकर वशिष्ठ ने उपस्थित सभी कवियों से आवाहन किया की वे अधिक से अधिक लेखन करते रहें ताकि एक अच्छा साहित्य सृजन हो व आने वाली युवा पीड़ी भी इससे लाभान्वित हो सके। उन्होंने पहाड़ी भाषा को सशक्त बनाने के लिए एक दुसरे की भावनाओं को समझने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में ऋषि राम भारद्वाज, रवीन्द्र शर्मा, हरिप्रिया, पुष्पा वर्धन, प्रेम लाल आर्य, सविता ठाकुर, प्रेम लाल गौतम, जगदीश कश्यप, हेमेंत अत्री, देवराज ने भाग लिया। कार्यक्रम का मंच संचालन मदन हिमाचली ने किया। इस अवसर पर विभाग की सहायक निदेशक कुसुम सँगैक ने सभी विद्वानों का धन्यवाद किया। सहायक निदेशक अलका कैंथला, सरोजना नरवाल तथा विपिन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।