Himachal Tonite

Go Beyond News

जुब्बल कोटखाई की हर मांग पूरी हुई; भावनाएं नहीं, हकीकत देखें: जयराम ठाकुर

1 min read

*पार्टी सबसे बड़ी है, हम पार्टी से बड़े नहीं, जिन्होंने निर्णय नहीं माना उन्होंने अपना नुकसान किया : जयराम ठाकुर*

जुब्बल कोटखाई। जुब्बल कोटखाई मुझे सराज विधानसभा से अलग नहीं लगता है। सराज और जुब्बल कोटखाई की भाषा, मुश्किलें, मौसम एक जैसा है। भले ही मैं चुनाव सराज विधानसभा से लड़ता हूं, लेकिन जब विकास की बात आई तो मैंने जुब्बल कोटखाई को अपने गृहक्षेत्र से कम नहीं बल्कि ज्यादा ही दिया है। ये बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुब्बल कोटखाई में बीजेपी प्रत्याशी नीलम सरैइक के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुई कही।

जयराम ठाकुर ने मंच पर विराजमान लोगों के बारे में बोलते हुए कहा कि आज प्रथम पंक्ति में जो भी लोग बैठे हैं, उनमें से किसी की भी राजनीतिक पृष्ठ भूमि नहीं है। सभी पार्टी का झंडा उठाते-उठाते यहां पहुंचे। मैं भी इसका एक उदाहरण हूं। दूसरी तरफ कांग्रेस में एक ही परिवार के तीन लोग पार्टी चला रहे हैं। कांग्रेस के नाश का यही कारण है। बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है। पार्टी सबसे बड़ी है, हम पार्टी से बड़े नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे विधानसभा के भीतर भारतीय जनता पार्टी का साथी चाहिए। भावनाओं में ना जाकर हकीकत देखनी चाहिए।

जयराम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने सैद्धांतिक रूप से निर्णय लेने की शुरुआत की। ये निर्णय सिर्फ जुब्बल कोटखाई के लिए नहीं हुआ। पूरे देश में जहां भी उपचुनाव हो रहे हैं, कहीं भी पूर्व जनप्रतिनिधि के पारिवारिक सदस्यों को टिकट नहीं दिया गया।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जो फैसला लिया था, मैं आश्वस्त था कि उस फैसले का सम्मान होगा। लेकिन फैसले का सम्मान नहीं किया गया, जिससे मैं व्यक्तिगत रूप से भी आहत हूं। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा की भावनाएं भी आहत हुई होंगी क्योंकि उन्होंने हमेशा भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाया। जिन लोगों ने इस निर्णय को स्वीकार नहीं किया, उन्होंने अपना नुकसान किया है।

बीजेपी के पूर्व विधायक स्व. नरेंद्र बरागटा को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वो पार्टी के सीनियर नेता थे। जुब्बल कोटखाई और बागवानों के लिए हमेशा संघर्षरत रहते थे।

सीएम ने कहा, मैंने जुब्बल कोटखाई को सहयोग देने में कोई कमी नहीं रखी। अब मुझे भरोसा है कि आप नीलम सरैइक को सहयोग देंगे। एक विधानसभा में दो एसडीएम दफ्तर हिमाचल के लिए इतिहास है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी मांगा मैंने एक-एक मांग पूरी की। आप नीलम सरैइक को जिताकर यहां दिवाली का जश्न मनाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *