Himachal Tonite

Go Beyond News

ब्लैक फंगसके चलते 3 लोगों ने आईजीएमसी में खोई अपनी 1-1 आंख

1 min read

Image Source Internet

आईजीएमसी शिमला से दाखिल ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को अब तक तीन मरीजों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा नहीं करने से मरीजों की हालत और गंभीर हो सकती थी। इसके अलावा अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित एक मरीज की गंभीर हालत होने के चलते उसे वेंटिलेटर पर दाखिल किया गया है।

यह मरीज लगातार चिकित्सकों की निगरानी में उपचाराधीन है। आईजीएमसी में मौजूदा समय में ब्लैक फंगस से पीड़ित 10 मरीज भर्ती हैं। इनमें हमीरपुर के रहने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। आईजीएमसी के ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नाक में दिक्कत, नाक बंद होना, दाग धब्बा और तालू में समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। जरा सी लापरवाही करने से यह बीमारी जानलेवा बन सकती है।

अंधेरे वाली जगह पर न जाएं, शुगर रखें नियंत्रित

डॉक्टरो का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को जंगल, गोशाला और अंधेरे वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा हमेशा धुला और साफ मास्क पहन कर रखें। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब इन मरीजों का शुगर बढ़ जाता है। ऐसे मरीज डॉक्टर के संपर्क में रहें और बिना जांच के कोई भी दवा नहीं लें।

इलाज के दौरान 300 से 400 तक बढ़ गया शुगर

मरीजों की सर्जरी करने से पहले जब चिकित्सक शुगर टेस्ट करते हैं तो यह बढ़ा हुआ नजर आता है। इससे सर्जरी करना मुश्किल हो जाता है। इलाज के दौरान सामने आया कि मरीजों का 300 से 400 तक शुगर बढ़ा हुआ था। है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *